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पाकिस्तान और पाकिस्तानीयत से बेइंतहा नफरत के बावजूद मैं ना तो अपने देश के मुसलमान भाइयों से शिकवा रखता हूँ और ना ही इस्लाम से। यही बात उन भटके हुए अपने हिन्दू भाइयों के लिए भी है। निजी जिंदगी में बेहद ईमानदार, मिलनसार और दयालू हिंदुओं को जानता हूँ जिनको बरगलाया गया। ये कौमी ज़हर बोया गया। उनके घरवालों ने उस्तादों ने किसी ने मौका ही नही दिया। जब कभी उनके दिल ने नफरत से ऊब कर सवाल पूछा तो पीट कर, बेइज़्ज़त कर उनको इस जहर को ही अपनी शिनाख्त बनाने को मजबूर किया गया। उस चड्ढी ब्रिगेड से बेइंतेहा नफरत का कारण यह भी है। जो लोग खुद की ज़िंदगी मे कभी ऐसी निर्दयता नही करेंगे, कभी ऐसी डकैती नही करेंगे वो भी अजनबियों के खौफ में ऐसे कुकर्मो का समर्थन करते हैं।

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राहुल गांधी को बुद्धिजीवी इतना पसंद क्यों करते हैं? मेरी समझ से इसलिए क्योंकि राहुल एक संजीदा इंसान हैं। वे हवा में नही बोलते। और जिस बात का पता ना हो वहां लोगों से पूछते हैं। जैसे जब उन्होंने न्यूनतम आय की योजना का वादा किया तो उससे पहले एक टीम बनाई, प्रख्यात अर्थशास्त्री और निबेल पुरस्कार विजेता अंगुस देयतों के नेतृत्व में। उसमे चिदंबरम भी शामिल थे। इस टीम ने बाकायदा योजना बनाई और उसकी राहुलजी ने घोषणा की। इसी तरह रोज़गार के लिए वे महेश व्यास के पास गए। अब राष्ट्रीय सुरक्षा की नीति के लिए Surgical strike fame Rtd. Gen DS Hooda उनका मार्गदर्शन करेंगे। ये बताता है कि राहुल एक समझदार व्यक्ति है। दूसरे नेताओं की तरह नही, की रैली देखी तो करने लगे बड़ बड़। और फिर जब जग हसाई और सवाल हो तो देश द्रोह, गद्दार वगैरह नौटंकी करे।
भारतीय मीडिया के गवारपन के बाद अब एक बेहद ज़रूरी सवाल। ये पाकिस्तानी जाहाज घुस कैसे गया? इस पर serious deliberation होना चाहिए। हमने ये सौ सौ ठो satellite दिखावन वास्ते छोड़े थे। मैं फ़र्ज़ी ISRO और DRDO को बड़ा सम्मान देता था। इनको बुला के चौराहे पर बेइज़्ज़त करना चाहिए। आंतरिक सुरक्षा का मज़ाक बना के बैठे है हरामखोर। पाकिस्तान की थल सेना battle hardened हो सकती है लेकिन उसकी वायु सेना तो बिल्कुल बेकार होनी चाहिए। उसके पास अपने satellite तक नही हैं, कोई credible geo location नही है, credible crypto-message भेजने की सुविधा नही है, मतलब आधुनिक सामरिक समझ के हिसाब से कुछ भी नही है। फिर भी वो दिन में दाखिल हुआ। और बाकायदा भाग भी गया, जब हमने पीछा किया तो हमारे युद्धक विमान पर हमला करके क्षतिग्रस्त कर दिया। अब जरा सोचिए कि अगर कोई पाकिस्तानी फिदायीन F-16 में बैठ के नौशेरा से घुस जाए अमृतसर की ओर। क्या हम रोक पाएंगे? ये मीडिया में चिल्गोज़र अपने अज्ञान के गीतों में छम्मा छम्मा कर ले लेकिन अब ये चिंता का विषय हो चला है। सामान्य तौर पर मैं युद्ध की पैरवी नही करता। लेकिन आज मैं डर गया हूँ। और वा
बिना देश के कोई देशभक्ति होती है क्या? नुकसान का हिसाब लगाना और गलती दोबारा ना दोहराया जाए इस पर भी जोर होना चाहिए।  पहले अच्छी खबर। अजेय समझे जाने वाले F-16 को भारत के मिराज 2000 ने मार गिराया। और हम ऐसा इसलिये कर पाए क्योंकि मिराज का हमने भारतीयकरण कर लिया है। इसका मतलब की विदेशी विमानों का भारत मे बनना बहुत जरूरी है। राफेल को इस लिहाज से भारत मे ही बनना चाहिए। मेरे विचार से मोदीजी को पुनर्विचार करना चाहिए और ये 36 विमानों वाली डील cancel कर के पुरानी मनमोहन सरकार वाली deal पर ही बात करनी चाहिए।  अब बुरी खबर। पिछले 15 दिनों में हमने 49 सिपाही, 5 सेना के आल्हा अफसर, 4 लड़ाकू पॉयलेट, और 2 लड़ाकू जहाज खो दिए। पाकिस्तानी जहाज़ दिन में घुस गया और उड़ता रहा हमारी सीमा में काफी देर तक। हमको जवाबी कार्यवाही करने में देर हुई है। अब इन सबके लिए कौन जिम्मेदार है? अजीत डोभाल देश की जनता के सामने जवाबदेह हैं। मुम्बई हमले के बाद गृहमंत्री ने इस्तीफा दिया था। इसके बाद NIA बनाई गई। CCTNS network शुरू करने की कवायद हुई। मनमोहन सरकार ने पहले अपने इदारे मज़बूत किये, लेकिन पाकिस्तान की जवाबदेही तय